जावेद मियांदाद बोले-तेरी नाक टूट गई अस्पताल जा! फिर सचिन ने कुछ सोचा और कर दिया ये कारनामा

क्रिकेट इतिहास में ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम (GOAT) के लिए दावेदार कई हैं। कई लोगों का मानना है कि डॉन ब्रैडमैन ही इस उपाधि के असल हकदार हैं, कोई सर विव रिचर्ड्स को लेकर यह दावा करता है तो कई लोग मॉडर्न क्रिकेट में विराट कोहली को इस टाइटल का असल हकदार मानते हैं। हालांकि, गोट से भी बड़ा सम्मान अगर कुछ है तो वो ‘गॉड’ का है।24 अप्रैल 1973 को जन्मे सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Ramesh Tendulkar) ने भारतीय क्रिकेट की परिभाषा बदल दी। 100 शतक, 200 टेस्ट मैच में 329 पारियों में 53.78 की औसत से विश्व टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और 463 वनडे मैच में सबसे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज को ‘गॉड ऑफ क्रिकेट’ कहना तो बनता है।

जब टूटी हुई नाक से बचाई भारत की लाजदुनिया शोहरत और सफलता को सलाम करती है, लेकिन इन दोनों को कमाने के लिए जो दृढ़ इच्छाशक्ति की जरुरत होती है। वो सचिन तेंदुलकर के पास हमेशा मौजूद रहा। बात है 15 नवंबर 1989 की। उस साल सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू किया। उस समय सचिन की आयु महज 16 साल और 205 दिन थी। इस युवा बल्लेबाज के सामने वकार यूनिस और वसीम अकरम की जोड़ी खड़ी थी। इन दो तेज गेंदबाजों की जोड़ी के आगे उस वक्त के बड़े-बड़े बल्लेबाज पानी भरते थे।सचिन अपने डेब्यू मौच में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। सिर्फ 15 रन बनाकर वकार यूनिस की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।

दूसरे मैच में यंग तेंदुलकर ने 59 रन की पारी खेल दी। तीसरे टेस्ट मैच के बाद सीरीज 0-0 पर खड़ी थी।सीरीज का आखिरी यानि चौथा मैच में सचिन ने ऐसा कमाल किया, जिसे सुनकर दुनिया आज भी उन्हें सलाम करती है। पाकिस्तान के सियालकोट में खेले गए इस मैच की पहली पारी में टीम इंडिया ने 65 रन की बढ़त ले ली थी। वहीं, दूसरी पारी में वकार यूनिस और वसीम अकरम की जोड़ी ने भारतीय बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ले ली। दूसरी पारी में टीम इंडिया 38 रन पर चार विकेट गवां चूका थी। इसके बाद सचिन बल्लेबाजी करने आए। वहीं, सचिन का साथ देने नवजोत सिंह सिद्धू क्रीज पर मौजूद थे।

ग्रीन टॉप विकेट पर वकार यूनिस सचिन के खिलाफ गेंदबाजी करने आए। वकार ने अपने ओवर में एक शॉट बॉल की जिसे खेलने में सचिन बिल्कुल असमर्थ दिखे और गेंद उनकी नाक पर जाकर लगी। बॉल लगने के बाद उनके नाक से खूब बहने लगा और नाक टूट गया। टीम इंडिया के फिजियो मैदान में पहुंचे और उनकी मरहम-पट्टी की। उनके साथी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू और फिजियो ने उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर ड्रेसिंग रूम में जाने की सलाह दी।पाकिस्तानी क्रिकेटर्स को भी उम्मीद थी कि एक यंग लड़का चोट खाने के बाद मैदान के बाहर चला जाएगा। लेकिन, सचिन ने चोट लगने के बाद जो बोला उसे सुनकर नवजोत सिंह सिद्धू और फिजियो दोनों दंग रह गए। चोटिल सचिन ने अपने मुंम्बईया अंदाज में कहा, “मैं खेलेग।” इस दो शब्द ने यह बयां कर दिया कि भारतीय क्रिकेट में एक नए सितारे ने जन्म लिया है, जो देश को इस खेल में विश्व चैंपियन बनाएगा।

इस घटना को सचिन ने कूछ यूं याद किया…इलाज के बाद सचिन ने वकार की अगली गेंद पर चौका जड़ दिया। इस मैच में सचिन-सिद्धू की जोड़ी ने 101 रन का शानदार शतकीय साझेदारी की। इस घटना को याद करते हुए एक बार सचिन ने कहा था वकार की गेंद सीधे मेरे चेहरे पर लगी थी। दरअसल, मुझे ग्रिल पहनने की आदत नहीं थी, चेहरे पर बॉल लगने की वजह से मेरी नाक टूट गई थी।”सचिन ने आगे बताया, “चोट लगने के बाद जावेद मियांदाद ने कहा कि तेरा नाक टूट गया है, तेरे को हॉस्पिटल जाना पड़ेगा।

हालांकि उस फील्ड पर मौजूद इमरान खान ने कहा कि जावेद उसके अकेला छोड़ दो।” उन्होंने कहा कि ऐसे मुश्किल परिस्थियों में आप बन या बिगड़ सकते हो।इस पारी के बाद यंग सचिन ने अपने भारी बल्ले से 24 सालों तक भारतीय क्रिकेट के लिए वनडे क्रिकेट में 15921 और टेस्ट क्रिकेट में 18426 रन बनाए।